मोबाइल का महासमर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मोबाइल का महासमर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 15 अप्रैल 2013

तकनीक का तड़का

दसवीं कक्षा में एक श्लोक पढ़ा था जिसमे यह समझाने का प्रयास किया गया था के मनुष्य को पहले निश्चित की तरफ देखना चाहिए, अनिश्चित तो अनिश्चित ही रहने वाला है:
     
     यो ध्रुवानि परितज्य अध्रुवानी निषेवते।
     ध्रुवानि तस्य नश्यन्ति, अध्रुवम नष्टमेव हि।।

आधुनिक जीवन और खास तौर से आज के तकनीक पर आधारित जीवन को अगर उपरोक्त श्लोक की तराजू पर तोला जाए तो एक बदलाव जो स्पष्ट दिखता है वो है निश्चितता और अनिश्चितता के बीच की धूमिल होती  दूरी। हर पखवाड़े बदल रही मोबाइल की दुनिया ने बदलाव की एक नयी परिभाषा गढ़ने का संकेत दिया है। बेहतर तकनीक का आना इसका सकारात्मक पहलू है वहीँ सहज ही दिग्भ्रमित हो जाना इसका नकारात्मक संकेत। भविष्य का आकलन तिमाहीयों में करके हम किस तरफ जा रहे हैं इसका जवाब अभी मिलना कठिन है लेकिन इस त्वरित बदलाव की दुनिया को इसके दुष्परिणामों से भी सतर्क रहना होगा।

आइये दर्शन दीर्घा से आगे बढे और देखें की मोबाइल ने कितनी नयी संभावनाओं को हवा दी है।लन्दन स्थित इनफोर्मा टेलिकॉम के हाल के सर्वेक्षण की अगर माने तो इसी साल के आखिर तक भारत में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या १.१५ बिलियन से ऊपर हो जाएगी और इस तरह चीन को पटखनी देते हुए हम दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल बाज़ार बन जायेंगे। अब भला इस बहती गंगा में कौन सी कंपनी अपना हाथ गीला करने से बाज आएगी? इसका सीधा असर यह हुआ है भारत आज मोबाइल बाजार का केंद्र बिंदु बना बैठा है।

मोबाइल तकनीक की संभावनाओं की अगर हम बात करें तो यह तय है की आने वाले महीनों में इस पर हमारी निर्भरता और बढ़ जायेगी। 4G तकनीक जो धीरे धीरे अपने पाँव पसारने वाला है के आगमन के पश्चात बड़ी डाटा का ट्रान्सफर त्वरित और आसान हो जाएगा जिसके फलस्वरूप सूचनाओं का आदान प्रदान भी अत्यंत तीव्र और प्रभावशाली हो जाएगा। आम ज़िन्दगी पर इसका बड़ा गहरा प्रभाव पड़ेगा, रिच मीडिया जैसा के तस्वीर, विडियो, बड़े ऑनलाइन फाइल्स इत्यादि को ट्रान्सफर करने के लिए एक्सटर्नल हार्डवेयर ढोने की बातें पुरानी पड़ जाएगी। एक और सुखद बात यह होगी के डाटा स्टोरेज की आज की पद्दति में भी आमूलचूल बदलाव आ जाएगा। मेघ संगणना (cloud computing) यह सम्भव कर देगा की आप हमेशा अपने डाटा अथवा सूचना से जुड़े रहेंगे और इससे जुड़ने का सबसे सरल माध्यम मोबाइल होगा। यह समझना भी अब मुश्किल नहीं है के दफ्तर के काम काज बड़े पैमाने पर और बड़ी सहजता के साथ मोबाइल की समुन्नत तकनीक के द्वारा सम्भव हो जाएगा।

हमें इस बात के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा की बड़ी सुविधाएं लेकर आती इन तकनीकों के साथ बड़ी समस्याएँ भी आएँगी। मसलन डाटा को सुनियोजित करना एक बड़ी कठिनाई होगी, डाटा की सुरक्षा, सूचनाओं के महाजाल में कौन सी सूचनाएं हमारे काम की हैं यह समझना आसान नहीं होगा। इसकी गंभीरता शायद अभी हमें पता नहीं चल पा रही लेकिन यकीन मानिए बड़ी डाटा (Big Data) जिसकी परिकल्पना लगभग एक दशक पहले की गयी थी इतनी बड़ी दुविधाओं का पिटारा खोलेगा के सबकुछ गड-मड हो जाएगा। बिग डाटा क्या है इसके विषय में हम अगले ब्लॉग में विस्तार से चर्चा करेंगे।

मोबाइल तकनीक जितनी तेजी से अपने रूप बदल रहा है इससे यह बात साफ़ हो जाती है  के इस सम्बन्ध में बहुत दूर की भविष्यवाणी सम्भव नहीं। लेकिन वर्तमान में हो रहे बदलाओं के आधार पर अगले कुछ तिमाहियों के सम्बन्ध में अटकलें जरूर लगाईं जा सकती है।