रविवार, 13 जनवरी 2013

मेघ संगणना (क्लाउड कंप्यूटिंग) के मिथक


पचास के दशक से ही मेघ संगणना (क्लाउड कंप्यूटिंग) के बारे में जानकारों ने सोचना शुरू कर दिया था। कंप्यूटर को एक्सटर्नल टर्मिनल से जोड़ने की पहल हो या थिन क्लाइंट को उपयोग में लाने जाने वाली संभावनाओं की बात  क्लाउड कंप्यूटिंग शुरू से ही कंप्यूटर विशेषज्ञों के लिए रोमांच का विषय रहा है। मेघ संगणना (क्लाउड कंप्यूटिंग) जुमले का उपयोग कैसे शुरू हुआ इसकी तिथि अज्ञात है लेकिन क्लाउड को इन्टरनेट का संकेत के रूप में पहचान 1994 में ही मिल चुकी थी।  मेघ संगणना की परिभाषा विकिपीडिया इस प्रकार देता है:

"क्लाउड कम्यूटिंग (Cloud Computing) या मेघ संगणना वास्तव में इंटरनेट-आधारित प्रक्रिया और कंप्यूटर ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल है। गूगल एप्स क्लाउड कंप्यूटिंग का एक उदाहरण है जो बिजनेस ऐप्लीकेशन ऑनलाइन मुहैया कराता है और वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर इस तक पहुंचा जा सकता है।

इंटरनेट पर सर्वरों में जानकारियाँ (अनुप्रयोग, वेब पेजेस, प्रोग्राम इत्यादि सभी) सदा सर्वदा के लिए भंडारित रहती हैं और ये उपयोक्ता के डेस्कटॉप, नोटबुक, गेमिंग कंसोल इत्यादि पर आवश्यकतानुसार अस्थाई रूप से संग्रहित रहती हैं। इसे थोड़ा विस्तारित और सरल रूप में कहें तो सीधी सी बात है कि अब तक जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम आप स्थानीय रूप से अपने कम्प्यूटर और लैपटॉप-नोटबुक पर संस्थापित करते रहे थे, अब इनकी कतई आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि ये सब सॉफ्टवेयर अब आपको वेब सेवाओं के जरिए मिला करेंगी। यही नहीं, गूगल गियर जैसे अनुक्रमों के जरिए आपको इस तरह की बहुत सारी सुविधाएं ऑफ़लाइन भी मिला करेंगीं।"



तकनीक जगत पिछले कुछ सालों में मेघ संगणना को लेकर काफी उत्साहित रहा है। कॉर्पोरेट जगत  ने जिस तरह इस नयी तकनीक को स्वीकारा है मेघ संगणना के आयाम ही बदल गए हैं। आने वालों सालों में यह एक ताकतवर तकनीक बनकर उभरेगा इसकी संभावनाएं प्रबल हैं। इसकी खूबियों पे अगर नज़र डालें तो बतौर विकिपीडिया क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियों के प्रौद्योगिकी खर्च में कमी लाता है, क्योंकि इसे संबद्ध ऐप्लीकेशन सदस्यता शुल्क चुका कर ऑनलाइन के जरिये किराए पर लिया जा सकता है। क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक समय की बचत, इन्फ्रास्ट्रक्चर लागत में कमी, डाटा भंडारण में सुगमता, ऐप्लीकेशन प्रबंधन खर्च आदि में अहम भूमिका निभाती है। क्लाउड कम्प्युटिंग के किराये का मॉडल भी बहुत सुविधाजनक है। यहां तक कि इसे एकाध घंटे के लिये किराये पर लिया जा सकता है।

भविष्य में मेघ संगणना से काफी अपेक्षाएं लगई जा रही हैं और आम ज़िन्दगी में इसकी छाप पड़ेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता। इसकी सुविधा-सीमाओं का आकलन करें तो पता लगता है के जबतक इसकी खामियों का सही अंदाजा न हो  मेघ संगणना की उपयोगिता का सही आकलन सम्भव नहीं। पिछले दिनों खबर यह आई के नकली क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज से कई बड़ी कंपनिया सकते में है। ओरेकल के लार्री एल्लिसन ने क्लाउड मेघ संगणना की अहमियत पर सवालिया निशान लगाते हुए इसे अप्रासंगिक और फ़ालतू "complete gibberish" करार दिया। उन्हें इस पूरी प्रक्रिया को दुबारा निरिक्षण की आवश्यकता महसूस हुई जिसे क्लाउड वाशिंग का नाम दिया गया।


बीते साल (2012) की प्रगति का आकलन करें तो मेघ संगणना के कई मिथक टूटे और कई नयी परिभाषाओं का जन्म हुआ जैसे हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग की पहल हुई। जहाँ एक तरफ amazon.com, HP और Google सरीखी कंपनियों  ने इसे लोकप्रिय बनाने में मदद की वहीँ उपभोक्ताओं द्वारा भी इसे एक सरल और सापेक्षिक होने के कारण स्वीकारा गया।  मेघ संगणना  के सबसे बड़े मिथक इस प्रकार सामने आये:

मेघ संगणना सुरक्षित नहीं है: इस बात की आशंका शुरू से ही थी डाटा संग्रह अगर अपने वश में नहीं होगा तो सुरक्षा की सीमाओं का निर्धारण भला कैसे हो? मेघ संगणना  की सुविधा देने वाली कंपनियों को यह समझाने में हमेशा परेशानी होती है। यथार्थ यह है के जिस तरह के सुरक्षा उपाय हम पारंपरिक कंप्यूटर सुविधाओं के लिए करते हैं बस उतनी ही सुरक्षा मेघ संगणना के लिए भी पर्याप्त होगी। इसमें सुविधाएं अधिक है लागत कम और जोखिम भी अपेक्षाकृत कम हैं। 

डाटा पर कंट्रोल नहीं:  यह समस्या बहुत हद तक पहली समस्या के साथ ही शुरू होती है। सच्चाई इसके उलट है, डाटा की पंहुच लगभग सार्वभौम हो जाती है और भोगोलिक सीमाओं का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। क्लाउड होस्टिंग प्रोवाइडर के द्वारा ही आपको सारी तकनीकी सपोर्ट भी मिलता है जो सुवधाओं को स्मूथ बनाने में आपकी मदद करता है। डाटा का एन्क्रिप्टेड और सेगमेंटेड होने से बड़े साइज़ के डाटा को भी सुचारू रूस से इस्तेमाल आसान हो जाता है। हाँ जहाँ तक सुविधाओं की फ्लेक्सिबिल्टी की बात है अभी और काम होना बाकी है।

कार्य संपादन- गति सुस्त: क्लाउड होस्टिंग अगर सही तरीके से डेप्लोय की जाए तो कार्य सम्पादन की गति को नियंत्रित करना बिलकुल कठिन नहीं है। समुन्नत Cisco UCS जैसे क्लाउड सर्वर इस पूरी परिक्रिया को काफी सुचारू और सुसंगठित तरीके से चलाने में सक्षम हैं। डेटाबेस का सही फ्रेगमेंटेशन और सही क्लाउड सर्वर का चुनाव यहाँ बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

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