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रविवार, 6 अक्तूबर 2013

दास्ताने नोकिया

फ़िनलैंड का नाम दुनियाभर में बड़े प्रतिष्ठा से इसलिए लिया जाता है की उसकी शिक्षा व्यवस्था का कोई जोड़ नहीं है. शिक्षा को रोज़मर्रा के जीवन से ऐसे जोड़ दिया गया है के पढाई के बाद विद्यार्थी नौकरी की तलाश नहीं करते उन्हें पता होता है उन्हें करना क्या है. बहरहाल दूसरा कारण जो इस छोटे से बर्फानी देश को प्रसिद्ध करता है वह है नोकिया। असल में नोकिया का इतिहास फ़िनलैंड के निर्माण से भी पुराना है. कैसे? अब खुद ही देख लीजिये - नोकिया की स्थापना १८६५ में हुई थी और फ़िनलैंड १९१८ में आजाद हुआ. नोकिया बाद में एक ऐसा मोबाइल ब्रांड बना जो एक दशको तक मोबाइल हैंडसेट का पर्याय बना रहा. जिसने १.२ बिलियन लोगों को आपस में जोड़ देने का करिश्मा कर दिखाया। 

लगभग १५० साल पहले एक छोटे से कागज़ और रबर बनाने के कारखाने से इसकी शुरुआत होती है और अपनी उत्पादों से यह लोगों का विश्वास जीतती है. १९१२ तक नोकिया के पास कोई भी इलेक्ट्रॉनिक अनुभव नहीं था लेकिन तकनीक के त्वरित विकास पर नोकिया की नज़र जरूर थी. सत्तर के दसक तक इसने टेली कम्युनिकेशन में अपनी पैठ बना ली थी और १९८७ तक नोकिया यूरोप में टीवी का तीसरा सबसे बड़ा निर्माता बन चुका था. इसी साल उसने काफी मशक्कत के बाद अपना पहला मोबाइल "मोबिरा सिटीमेन" बाज़ार में पेश किया।  ८०० ग्राम वजनी और लगभग साढ़े चार हज़ार यूरो महंगा यह फ़ोन अगले एक दसक तक दुनिया भर के लोगों का दुलारा बना रहा. भारतीय बाजार अभी भी मोबाइल टेलीफोनी से काफी दूर थे.

१९९१ में फ़िनलैंड के प्रधान मंत्री ने दुनिया का पहला GSM कॉल अपने नोकिया फ़ोन से ही किया और उसके एक साल बाद ही नोकिया ने अपना दूसरा मॉडल बाज़ार में पेश किया - नोकिया १०११ यह सही मायने में एक नया फ़ोन था और इसने मोबाइल हैंडसेट की तकनीक को नयी दिशा दी. पहली बार ये लगा के मोबाइल फ़ोन रोज़मर्रा के इस्तेमाल की वस्तु बन सकती है. नोकिया की लोकप्रियता थी के कमने का नाम ही नहीं ले रही थी. कंपनी ने आनन् फानन में यह विचार किया की उनका अब पूरा ध्यान मोबाइल हैंडसेट की निर्माण पर लगेगा। बाकी के उनके कारोबारों को धीरे धीरे ठिकाने लगा दिया गया. नोकिया की लोकप्रियता का यह आलम था के इसके बिना मोबाइल फ़ोन की कल्पना करना भी मुश्किल लग रहा था. 

इसके बाद फीचर फ़ोन का ज़माना शुरू होता है जहाँ मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल सन्देश (SMS), संगीत, गेम्स के लिए किया जाना शुरू हुआ. यहाँ भी नोकिया ने बाजी मारी। गौर तलब बात यह थी अब सब कुछ इतना आसान नहीं रह गया था. नए ब्रांड और नयी तकनीक ने विकल्पों की भरमार ला दी थी लेकिन नोकिया ने अपने कदम जमाये रखा. फ़रवरी २०११ में माइक्रोसॉफ्ट के साथ नोकिया का पहला करार हुआ और पहली बार नोकिया के विंडोज फोंस को बाजार में उतारा गया. तब तक मोबाइल बाज़ार ने एप्पल फोंस और एंड्राइड फोंस का  स्वाद चखना शुरू कर दिया था और नोकिया को इस बदलते माहौल का अंदाजा देर से हुआ लेकिन हो चुका था. 

बाज़ार में कमाई गयी प्रतिष्ठा अगले कुछ साल तो नोकिया के काम आई लेकिन ताबड़ तोड़ बदलते तकनीक और सैमसंग, एप्पल जैसे प्रतिद्वंदियों ने नोकिया का किला भेदने में कोई कसर नहीं छोड़ा। लुमिया और आशा सीरीज ने भी ज्यादा कमाल नहीं दिखाया और  साल दर साल घाटे को जूझने का परिणाम यह हुआ के न सिर्फ कर्मचारियों को निकाला गया बल्कि हेलसिंकी का नोकिया हेड ऑफिस तक इस बदहाली की बलि चढ़ गये. 

सितम्बर २०१३ में यह ख़बरें आनी शुरू हो गयी थी के माइक्रोसॉफ्ट हो न हो नोकिया को खरीद ले. और यही हुआ, एक दिन खबर आई के माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया का मोबाइल डिवीज़न खरीद लिया है. माइक्रोसॉफ्ट हालांकि यह कहने से बाज नहीं आ रहा के २०१६ तक यह बिज़नस मुनाफे का नहीं हो पायेगा। वही नोकिया जिसने २००७ तक ४० प्रतिशत मोबाइल बाजार पर काबिज था आज यह सिमट कर १५ प्रतिशत रह गया है और स्मार्ट फोंस की हिस्सेदारी तो सिर्फ ३ प्रतिशत। एक ज़माने में नोकिया फ़िनलैंड के GDP का ४ प्रतिशत हिस्सा था जो अब ०.४ प्रतिशत रह गया था. फिन्निश लोगों ने शायद इसके पतन को पढ़ लिया था और वहां की सजग सरकार ने अपना ध्यान दुसरे उद्योगों के विकास की ओर लगा दिया था   

२०१४ तक यह डील पूरी हो जायेगी और नोकिया के लगभग ५००० कर्मचारी एक साथ अपनी कंपनी बदलेंगे। किसके हितों का कितना ख़याल रखा जायेगा यह तो वक़्त ही बताएगा। माइक्रोसॉफ्ट के लिए फ़िनलैंड शायद तीसरा सबसे बड़ा हब हो जाए और यहाँ से फ़िनलैंड एक और नयी शुरुआत करे ऐसा सम्भव है। नोकिया के अधिकारी इस बात को नकार नहीं रहे के कुछ और नया होने वाला है और एक बार फिर एक फिन्निश ब्रांड दुनिया का चहेता बनेगा। पांच में से तीन डिवीज़न न बेचकर नोकिया ने यह जरूर जताया है के पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त! रोविओ एक और बेहद लोकप्रिय फिन्निश ब्रांड जिसने एंग्री बर्ड बनाकर मोबाइल गेम्स को एक नयी परिभाषा दी है साबित करती है  प्रतिभा और सही शिक्षा साथ मिले तो चमत्कारों की अपेक्षा फ़िनलैंड से की जा सकती है.